समरेन्द्र शर्मा: केंद्रीय बजट 2025-2026 को भारत को विकासशील से विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में एक कदम के रूप में देखा जा रहा है। छत्तीसगढ़ के परिप्रेक्ष्य में देखा जा, तो केन्द्रीय बजट से राज्य के हित भी सधते दिखाई पड़ते हैं। छत्तीसगढ़ को धान का कटोरा अर्थात कृषि प्रधान राज्य माना जाता है और आम बजट में कृषि और ग्रामीण विकास पर विशेष ध्यान दिया गया है। जिसका लाभ छत्तीसगढ़ को भी मिलेगा। मसलन, किसानों के लिए 5 लाख रुपये तक का ब्याजमुक्त ऋण देने का निर्णय लिया गया है, जिससे राज्य के 7.7 लाख से अधिक किसानों को सीधा लाभ होगा। इस कदम से न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी, बल्कि कृषि क्षेत्र में नवाचार और तकनीकी बदलाव को भी बढ़ावा मिलेगा।
इसी तरह प्रधानमंत्री धन धान्य योजना से राज्य के विशेष रूप से बस्तर और सरगुजा जैसे दूरदराज़ क्षेत्रों के किसानों को सशक्त बनाने के प्रयास को मजबूती मिलेगी। इसस राज्य के ग्रामीण विकास को प्रगति की ओर ले जाने और उनके जीवन स्तर को बेहतर बनाने के अवसर खुलेंगे।
केंद्रीय बजट में सर्विस सेक्टर, खासकर पर्यटन क्षेत्र के विकास पर जोर दिखाई पड़ता है। ऐसे में अद्वितीय सांस्कृतिक धरोहर और समृद्ध प्राकृतिक संसाधन वाले छत्तीसगढ़ में पर्यटन के क्षेत्र में बढ़ावा मिलने की उम्मीद की जा रही है। जिससे राज्य में रोजगार के नए अवसर उत्पन्न होंगे और छत्तीसगढ़ का नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में उभरेगा।
इसके अलावा, मेडिकल टूरिज्म के क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं बनाई गई हैं, जिससे राज्य के स्वास्थ्य क्षेत्र को वैश्विक स्तर पर पहचान मिल सकेगी। इससे नवा रायपुर में राज्य सरकार की मेडिसिटी बनाने की पहल को प्रोत्साहन मिलेगा और यह पहल न केवल राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाएगी, बल्कि स्थानीय व्यवसायों को भी आर्थिक उन्नति के अवसर प्रदान करेगी।
इसके अलावा केंद्रीय बजट में सूक्ष्म, लघु और मंझले उद्योगों के लिए ऋण सीमा को बढ़ाकर 10 करोड़ रुपये और स्टार्टअप्स के लिए इसे 20 करोड़ रुपये तक करने का निर्णय लिया गया है। यह निर्णय छत्तीसगढ़ जैसे राज्य में छोटे और मंझले उद्योगों को विकास के लिए न केवल वित्तीय संसाधन प्रदान करेगा, बल्कि यह राज्य के उद्यमिता क्षेत्र को भी प्रोत्साहित करेगा।
छत्तीसगढ़ के उद्यमियों को अब सरल और सुलभ ऋण मिलने से, वे अपनी योजनाओं को साकार कर सकेंगे और राज्य में नए उद्योगों की शुरुआत कर सकेंगे। इस प्रकार के कदम से रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न होंगे, जो राज्य के आर्थिक विकास में सहायक साबित होंगे।
भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का सपना केवल एक दूरदर्शी विचार नहीं, बल्कि एक सशक्त कार्ययोजना है,” इस विचार के साथ केंद्र सरकार ने नवाचार और शोध के लिए 30,000 करोड़ रुपये के आवंटन का प्रावधान किया है। इस योजना के तहत पब्लिक और प्राइवेट सेक्टर में नवाचार को बढ़ावा दिया जाएगा, जिससे छत्तीसगढ़ के युवा और शोधकर्ता नए क्षेत्रों में नवाचार कर सकेंगे और नए उद्योगों का निर्माण कर सकेंगे। इस पहल से न केवल राज्य के युवा वर्ग को नई संभावनाएं मिलेंगी, बल्कि राज्य को वैश्विक स्तर पर भी एक नवाचार केंद्र के रूप में पहचान मिल सकती है।
कुल मिलाकर केंद्रीय बजट 2025-2026 में जो प्रावधान किए गए हैं, उससे राज्य के सामाजिक और आर्थिक विकास की दिशा अग्रसर होने का मार्ग प्रशस्त हुआ है। कृषि, पर्यटन, उद्योग, श्रमिक कल्याण और नवाचार के क्षेत्रों में किए गए इन सुधारों से राज्य की अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन मिलेगा और हर नागरिक को विकास की मुख्य धारा में शामिल किया जाएगा। अब राज्य सरकार की जिम्मेदारी है कि वह इन योजनाओं को प्रभावी रूप से लागू करके छत्तीसगढ़ के हर नागरिक तक इसका लाभ पहुंचाए, ताकि 2047 तक यह राज्य एक समृद्ध, सशक्त और आत्मनिर्भर राज्य बन सके।
लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं और यह उनके निजी विचार हैं।