सूर्य नक्षत्र परिवर्तन: ज्योतिष शास्त्र में सूर्य को राजा, आत्मा का दर्जा प्राप्त है। सूर्य को प्रत्यक्ष देवता माना जाता है। इसका प्रभाव पृथ्वी पर मौजूद सभी जीवों पर पड़ता। सूर्य का गोचर वर्तमान में तुला राशि में हैं। सूर्य के तुला राशि में गोचर के दौरान ही छठ का पर्व मनाया जाता है। लेकिन सूर्य ने महत्वपूर्ण अवसर पर अपना नक्षत्र परिवर्तन किया है। छठ पूजा के दौरान सूर्य ने गुरु के नक्षत्र विशाखा नक्षत्र में प्रवेश किया है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार विशाखा नक्षत्र गुरु का नक्षत्र है और विशाखा नक्षत्र तुला और वृश्चिक राशि को जोड़ने का काम करता है। गुरु के नक्षत्र में सूर्य के जाने से कई राशियां प्रभावित होंगी। बता दें कि इससे पहले सूर्य स्वाति नक्षत्र में थे और नवंबर में फिर से सूर्य का राशि परिवर्तन करेंगे। आइए जानते हैं सूर्य के नक्षत्र परिवर्तन का वैसे तो सभी राशियों पर प्रभाव पड़ेगा, लेकिन अधिक प्रभावित मेष, वृश्चिक और तुला राशि राशियां होंगी।
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मेष राशि
वहीं मेष राशि वालों की बीमारी दूर होगी। निवेश करने से लाभ होने के संकेत हैं। विरोधियों पर विजय प्राप्त करेंगे। साहस और पराक्रम में वृद्धि होगी। यात्रा कर सकते हैं। कारोबार, नौकरी में चल रही समस्या दूर होने की संभावना है।
तुला राशि
इनमें सबसे ज्यादा प्रभाव तुला राशि पर होगा, क्योंकि सूर्य अभी तुला राशि में और सूर्य जिस नक्षत्र में जाएंगे वह तुला राशि से जुड़ा है। इसके चलते इस राशि के लोगों को कई प्रकार के दिक्कतों से निजात मिलेगी। सम्मान प्राप्त हो सकताहै। आदर सत्कार होगा। किसी पारिवारिक सदस्य से हुई अनबन दूर होगी।
वृश्चिक राशि
वहीं वृश्चिक राशि वालों को भी अच्छे परिणाम मिलने की संभावना है। नौकरी में आपको प्रमोशन के योग और नई जगह ट्रांसफर के योग बन रहे हैं। आप किसी जिम्मेदारी को लीड करेंगे। आपको यह लाभ मिलेगा, हालांकि यह प्रभाव बहुत ही कम समय के लिए होगा। क्योंकि सूर्य नवंबर में फिर से नक्षत्र परिवर्तन और राशि परिवर्तन करेंगे। सूर्य का 16 नवंबर को तुला राशि से वृश्चिक राशि में गोचर होगा, जिसे वृश्चिक संक्रांति कहा जाता है।
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