रायपुर. समय पर टैक्स का भुगतान नहीं करने वाले कारोबारियों पर छत्तीसगढ़ स्टेट जीएसटी ने सख्त रवैया अपनाया है। कार्रवाई करते हुए कई फर्मों से बकाया राशि वसूली भी गई है। छत्तीसगढ़ में बीते कुछ वर्षों मे जिलों मे डीएमएफ मद से बड़ी संख्या में निर्माण कार्य और सामग्री क्रय किया गया है परंतु जितना व्यय शासन द्वारा किया गया है उस अनुपात मे शासन को जीएसटी (GST) नहीं मिला है।
स्टेट जीएसटी (GST) मे गठित किए गए बिजनेस इंटेलिजेंस यूनिट के द्वारा एआई आधारित आईटी टूल्स का प्रयोग कर ऐसे व्यवसायियों का एनालिसिस किया जा रहा है जिनके द्वारा शासकीय सप्लाई तो किया गया है पर जीएसटी (GST) नहीं पटाया गया है। वित्त मंत्री ओपी चौधरी के निर्देश के बाद ऐसे मामलों में लगातार कार्रवाई की जा रही है।
इसी तारतम्य मे विगत दिनों कुछ कारोबारियों की जांच कर उनसे टैक्स जमा करवाया गया । केशकाल के भारत इन्फ्रा नाम के व्यवसायी के प्रकरण में 91 लाख रु. और रायपुर के श्री कृष्ण इंटरप्राइजेस मे 2.5 करोड़ रु की कर चोरी पकड़ी गई है इसमें से 1.75 करोड़ रु.टैक्स विभाग ने वसूल कर किया है । इसी तरह का एक और मामला हार्टीकल्चर विभाग में भी पकड़ा गया है जिसमे शेड नेट सप्लाई करने वाली कंपनी किसान एग्रोटेक को विभाग ने नोटिस दिया है।
वहीं कर चोरी करने वाले व्यवसायी अक्सर अपनी टैक्स लाईबिलिटी कम दिखाने के लिए बोगस बिलों पर आईटीसी क्लेम करते हैं परंतु यह भूल जाते हैं कि अब विभाग के पास ऐसे कई आईटी टूल्स हैं जिनके कारण इस तरह के मामलों मे बच निकलना कठिन है।
राज्य कर विभाग के द्वारा लगातार व्यवसायियों कि बैठक लेकर उन्हें जागरूक भी किया जा रहा है कि कर देयता से बचने का कोई शॉर्टकट न अपनाएं। वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने भी व्यापारियों से अपील की है की वो ईमानदारी से अपने टैक्स का भुगतान करें ।
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