Shani Sade Sati 2025: ज्योतिष के अनुसार शनि देव की चाल काफी धीमी होती है और एक राशि में वे करीब ढाई साल तक रहते हैं। फिलहाल शनि कुंभ राशि में गोचर कर रहे हैं। शनि ग्रह को न्याय, कर्मफल आदि का कारक माना जाता है। शनि दंडाधिकारी भी हैं अर्थात जो गलत दिशा में बढ़ते हैं और सचेत करने पर भी नहीं मानते, तो शनि के पास उन्हें दंड देने का अधिकार भी हैं।
शनि का गोचर कुंभ से मीन राशि में
29 मार्च 2025 की रात 10:07 बजे, शनि कुंभ राशि से मीन राशि में गोचर करेंगे, जो वृहस्पति के अधीन है। शनि के इस राशि परिवर्तन के साथ ही मकर राशि वालों की साढ़ेसाती समाप्त हो जाएगी और मेष राशि के जातकों पर साढ़ेसाती शुरू हो जाएगी। करीब 30 साल बाद मेष राशि पर साढ़ेसाती का प्रभाव पड़ेगा। इसके अलावा, कुछ अन्य राशियों पर भी इसका प्रभाव पड़ेगा।
शनि ग्रह लगभग ढाई साल तक एक राशि में गोचर करते हैं इस अवधि के दौरान, सभी राशियों पर इसका प्रभाव होता है। मीन राशि में शनि के प्रवेश से मेष राशि पर साढ़ेसाती का पहला चरण, मीन राशि पर दूसरा चरण, कुंभ राशि पर अंतिम चरण का प्रभाव होगा। वहीं वृश्चिक राशि के लिए शनि ढैया समाप्त होगी और धनु राशि में शुरू होगी। कर्क राशि के लिए शनि का प्रभाव खत्म होगा, जबकि सिंह राशि पर इसका प्रभाव शुरू होगा। यहां जानते हैं मकर राशि पर इसके क्या प्रभाव रहेगा।
मकर पर शनि गोचर का प्रभाव
मकर राशि के स्वामी शनि देव, इस गोचर में तीसरे भाव में रहेंगे। इस स्थान पर शनि का गोचर आमतौर पर शुभ प्रभाव देता है। इससे साढ़ेसाती समाप्त हो जाएगी। तीसरे भाव में स्थित शनि पंचम, नवम और द्वादश भाव पर दृष्टि डालेंगे, जिससे यात्राओं के योग बनेंगे। इस दौरान विदेश यात्राएं और शहर के भीतर या बाहर स्थानांतरण के योग बन सकते हैं। धार्मिक कार्यों में रुचि बढ़ेगी। परिवार और स्वास्थ्य की दृष्टि से भाई-बहनों को स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, लेकिन इस दौरान संबंध मधुर रहेंगे।
संतान को प्रगति के अवसर मिलेंगे। साथ ही जुलाई से नवंबर के बीच पेट से जुड़ी दिक्कतें हो सकती हैं। माता-पिता के स्वास्थ्य पर भी ध्यान देने की आवश्यकता होगी। करियर और व्यापार में जोखिम ले सकतेहैं। कारोबार में सफलता मिलेगी।
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