Ketu Gochar 2025: केतु साल 2025 में अपनी राशि परिवर्तन करने जा रहे हैं। केतु को छाया ग्रह भी माना गया है। हमेशा वक्री गति से चलने वाले राहु को भौतिक सुख-समृद्धि तो केतु को मंत्र और अध्यात्म का कारक माना गया है। ये दोनों ग्रह एक ही समय पर राशि भी बदलते है। 18 मई 2025 राहु का गोचर कुंभ राशि में, वहीं उसी दिन केतु का गोचर सिंह में होगा। सिंह राशि में केतु के गोचर (Ketu Gochar 2025) का मेष से मीन तक सभी 12 राशियों पर प्रभाव होगा। यहां जानिए आपकी राशि पर केतु के गोचर का क्या असर होगा-
मेष राशि
मेष राशि के जातकों के लिए केतु का गोचर कुंडली के पंचम भाव से होगा। कुंडली के इस भाव से व्यक्ति की शिक्षा, बुद्धि और संतान का विचार किया जाता है। यहां विराजमान केतु की दृष्टि नवम, एकादश और प्रथम भाव पर होगी। केतु के इस गोचर के कारण जातकों को शेयर मार्केट से फायदा हो सकता है। छात्र वर्ग को पढ़ाई को लेकर लापरवाही नहीं करनी चाहिए। धार्मिक यात्रा कर सकते हैं। आपके कारोबार में वृद्धि हो सकती है। गूढ़ विद्याओं की ओर रूझान रहेगा।
वृषभ राशि
वृषभ राशि के जातकों के लिए केतु का गोचर कुंडली के चतुर्थ भाव से होगा। कुंडली के इस भाव से व्यक्ति की मानसिक प्रबलता, भौतिक सुख सुविधा का विचार किया जाता है। केतु की दृष्टि अष्टम भाव, दशम भाव और द्वादश भाव पर रहेगी। केतु का गोचर कुछ मानसिक कष्ट का कारण बन सकता है। परिजनों के साथ मतभेद हो सकते हैं। कार्यक्षेत्र बेहतरीन मौके मिलेंगे। बीमारों की सेवा करने से आपके कष्ट दूर होंगे।
मिथुन राशि
मिथुन राशि वालों की कुंडली में केतु का गोचर तृतीय भाव से होगा। इससे जातक के साहस, पराक्रम, संबंधों का विचार किया जाता है। केतु की दृष्टि सप्तम , नवम और एकादश भाव पर रहेगी। केतु के इस गोचर से कारोबारी में फायदा होगा। वहीं परिवार के सदस्यों से वैचारिक मतभेद भी हो सकते हैं। शादीशुदा जीवन में तनाव आ सकता है। शिक्षकों का आशीर्वाद प्राप्त होगा। नई नौकरी प्राप्त हो सकती है। साहित्य के क्षेत्र में सफलता प्राप्त होगी।
कर्क राशि
कर्क राशि वालों की कुंडली में केतु का गोचर द्वितीय भाव से होगा। इससे व्यक्ति की वाणी, परिवार और संचित धन का विचार किया जाता है। केतु की दृष्टि छठे भाव, अष्टम भाव और दशम भाव पर होगी। वाणी पर नियंत्रण रखना होगा। कोर्ट से जुड़े के मामलों से दूर रहें। अपनी सेहत को लेकर आपको सावधानी रखनी है। पैतृक संपत्ति में हिस्सेदारी प्राप्त हो सकती है। कार्यक्षेत्र में बड़ा बदलाव हो सकता है।
सिंह राशि
सिंह राशि के जातकों की कुंडली में केतु का गोचर प्रथम भाव से ही होगा। इस भाव से व्यक्ति के मान-सम्मान और व्यक्तित्व का विचार किया जाता है। केतु की दृष्टि पंचम, सप्तम और नवम भाव पर होगी। केतु का यह गोचर आध्यात्मिक दृष्टिकोण से शानदार रहने वाला है। संतान पक्ष को सफलता मिलेगी। आपको शुभ समाचार प्राप्त होंगे। शिक्षा, बुद्धि का फायदा प्राप्त होगा। दंपत्तियों के बीच मतभेद हो सकते हैं।
कन्या राशि
कन्या राशि के जातकों की कुंडली में केतु का गोचर द्वादश भाव से होगा। इस से व्यक्ति के अध्यात्म और खर्च का विचार किया जाता है। केतु की दृष्टि चतुर्थ , छठे और अष्टम भाव पर होगी। आर्थिक स्थिति को लेकर सावधान रहना होगा। धन का खर्च हो सकता है। धार्मिक यात्राओं में रुचि बढ़ेगी। परिवार के किसी सदस्य की सेहत को लेकर परेशान रहेंगे।
तुला राशि
तुला राशि के जातकों की कुंडली में केतु का गोचर एकादश भाव से होगा। इस भाव से व्यक्ति की मनोकामना का विचार किया जाता है। केतु की दृष्टि तृतीय, पंचम और सप्तम भाव पर होगी। इस राशि के लिए केतु का गोचर अच्छा रहेगा। लक्ष्य को प्राप्त करेंगे। फिल्म, मीडिया और लेखन से जुड़े जातकों को सफलता मिलेगी। सरकारी नौकरी मिल सकती है। पत्नी की सेहत को लेकर कुछ चिंता रहेगी। माता-पिता का सहयोग प्राप्त होगा।
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि के जातकों की कुंडली में केतु का गोचर दशम भाव से होगा। इस से व्यक्ति की कार्यक्षमता और कर्म पर विचार किया जाता है। केतु की दृष्टि कुंडली के द्वितीय भाव, चतुर्थ भाव और छठे भाव पर होगी। ऐसे में कुछ दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। दफ्तर में उच्चाधिकारी से ना उलझे। विरोधियों को लेकर सावधान रहें। वाणी में मिठास रखें। खानपान को नियंत्रित करें।
धनु राशि
धनु राशि के जातकों की कुंडली में केतु का गोचर नवम भाव से होगा। इस से व्यक्ति की किस्मत और धर्म को लेकर विचार किया जाता है। केतु की दृष्टि प्रथम भाव, तृतीय भाव और पंचम भाव पर होगी। इस दौरान जातक को माता-पिता और गुरुओं से सहायता मिलेगी। धर्म के प्रति आपकी रुचि बढ़ेगी। दान-पुण्य के कार्य करेंगे। सम्मान प्राप्त होगा। कारोबारी यात्रा से लाभ होगा। दाम्पत्य जीवन में तनाव की आशंका बनी हुई है।
मकर राशि
मकर राशि के जातकों की कंडली में केतु का गोचर अष्टम भाव से होगा। इस से दुर्घटना और एकाएक से होने वाली घटनाओं पर विचार किया जाता है। केतु की दृष्टि द्वादश भाव, द्वितीय भाव और चतुर्थ भाव पर जा रही है। जातक को वाहन सावधानी से चलाना चाहिए। सेहत को लेकर सावधान रहें। धन के मामलों में सावधान रहें। कारोबार में विस्तार होने की संभावना है। नई संपत्ति खरीद सकते हैं।
कुंभ राशि
कुंभ राशि के जातकों की कुंडली में केतु का गोचर सप्तम भाव से होगा। इस भाव से व्यक्ति के विवाह और पार्टनरशिप का विचार किया जाता है। केतु की दृष्टि एकादश भाव, प्रथम भाव और तृतीय भाव पर रहेगी। इसके कारण जातक को अच्छी सफलता प्राप्त होगी। आपके दोस्तों से फायदा होगा। नया काम शुरू कर सकते हैं। ज्योतिष अध्ययन के प्रति रुचि बढ़ेगी। पारिवारिक विवाद दूर होंगे। संपत्ति प्राप्त हो सकती है।
मीन राशि
मीन राशि के जातकों की कुंडली में केतु का गोचर छठे भाव से होगा। इस से व्यक्ति की बीमारी, कर्ज और शत्रु का विचार किया जाता है। केतु की दृष्टि दशम भाव, द्वादश भाव और द्वितीय भाव पर रहेगी। जातक को शत्रुओं पर विजय प्राप्त होगी। काफी दिनों से चल रही बीमारी ठीक हो सकती है। नौकरी मिलने की संभावना है। व्यवसाय को बढ़ा सकते हैं। बातचीत करते समय संयमित रहना होगा।