महासमुंद. पार्ट टाइम जॉब करने पर अधिक लाभ का झांसा देकर एक युवक के साथ आठ मोबाइल धारकों ने ठगी कर ली। युवक ने महज 7 दिनों में 19 लाख रुपए से ज्यादा की रकम गंवा दी। मामले को लेकर बसना थाने में आरोपी मोबाइल धारकों के खिलाफ जुर्म दर्ज कर विवेचना में लिया गया है।
बसना थाने में शिकायत दर्ज कराते हुए प्रार्थी जयंत कुमार नर्मदा पिता स्व सुरेश कुमार नर्मदा (33 साल) सिंघनपुर ने पुलिस को बताया कि अलग-अलग आठ मोबाइल धारकों ने 10 अप्रैल से 16 अप्रैल के बीच उसे पार्ट टाइन जॉब में अधिक लाभ का झांसा देते हुए 19,47,852 रुपए की ठगी कर ली।
पुलिस ने रिपोर्ट पर आईडीबीआई बैंक खाताधारक, फेडरल बैंक खाताधारक, बंधन बैंक खाता धारक, फिनो बैंक खाता धारक, सिटी यूनियन बैंक खाता धारक, एचडीएफसी बैंक खाताधारक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र खाता धारक, इंडसइंड बैंक खाताधारक के खिलाफ मामला दर्ज कर विवेचना में लिया है।
ऐसे दिया गया झांसा
प्रार्थी ने पूरे घटनाक्रम को लेकर पुलिस को बताया कि वह खेती किसानी करता है 10 अप्रैल को दोपहर करीबन 2.03 बजे के मध्य उसके टेलीग्राम में @AnyaRose के नाम के अकाउंट से पार्ट टाइम जॉब के नाम से मैसेज आया। जब उसने टेलीग्राम आईडी पर वाइस कॉल किया तो लिंक के माध्यम से उसे पार्ट टाइम जॉब संबंधित प्रोसेस के बारे में समझाया गया।
साथ ही एक टेलीग्राम ग्रुप विलियंस कलेक्शन – 8033 नाम के ग्रुप में ज्वाइन कराया और आईडी पासवर्ड बनाकर दिया गया। इसके बाद अज्ञात व्यक्ति के द्वारा एक लिंक https://www.bestyway-williamsonoma.com दिया गया, जहां लॉगिन करने कहा गया, जिसमें 11,000 बोनस पाइंट की राशि एड कर दिया गया था, उसके बाद प्रार्थी को 25- 25 की संख्या का दो टॉस्क दिया गया था। टॉस्क कंप्लीट करने के बाद आईडी में प्रॉफिट की राशि जमा हो जाती था। प्रॉफिट की राशि को बैंक खाता में विड्राल करने की सुविधा दी गई थी।
प्रार्थी के द्वारा दो बार 10 अप्रैल को 1271 रुपए, 11 अप्रैल को टास्क चालू करने के लिए 11,000 रुपए डिपोजिट करने के बाद टॉस्क कंप्लीट होने पर उसे लाभ मिलाकर कुल 16,300 रुपए का विड्रॉल दिया गया व इसके बाद 12 अप्रैल को पुनः टास्क चालू करने के लिए 11,000 रुपए डिपोजिट करने के बाद टॉस्क कंप्लीट होने पर लाभ मिलाकर कुल 16,256 रुपए विड्रॉल दिया गया। जिसे प्रार्थी ने अपने आईडीबीआई बैंक खाता में विड्रॉल किया।
उसके बाद 14 अप्रैल को कंपनी की पांचवी एनीवर्सरी में ज्यादा लाभ होने का झांसा देकर प्रोग्राम चलाया गया जिसमें टॉस्क कंप्लीट करने के लिए प्रार्थी के द्वारा 1,00,000 रुपए की राशि उनके द्वारा दिये आडीबीआई बैंक के खाता में गूगल पे में रजिस्टर्ड के माध्यम से 50,000 – 50,000 रुपए की राशि ट्रांसफर किया। उसके बाद मेरी यूआईडी में यह राशि प्रदर्शित हुई। उसके बाद दूसरे एवं तीसरे नंबर का टॉस्क करने के पश्चात इन्सफिशिंयट बैलेंस उसी आईडी में प्रदर्शित होने पर उनके द्वारा अधिक लाभ प्राप्त होने की झांसा देकर फिर राशि एड करने कहा गया और फेडरल बैंक का खाता नंबर दिया गया, जिसमें उसने अपने कोटक महिन्द्रा बैंक के खाते से 97,671 रुपए ट्रासफर किया इसके बाद उनके द्वारा टॉस्क कंप्लीट होने के बाद ही विड्रॉल करने का झांसा दिया गया।
इसी प्रकार उसने अपनी मां धनमोती नर्मदा के नाम से पंजीकृत बंधन बैंक के खाते से ठगों के बंधन बैंक के खाते में 1,00,000 रुपए ट्रांसफर किया। उसके बाद अपनी पत्नी जेमा नर्मदा के नाम आईडीबीआई बैंक के खाते से 1,00,000 रुपए फिनो बैंक के खाते में, फिर अपने नाम के एसबीआई खाते से बंधन बैंक के खाते में 35,624 रुपए ट्रांसफर कर दिया।
इसके बाद 15 अप्रैल को अपने खाते से सिटी यूनियन बैंक के खाते में 3,45,000 रुपए ट्रांसफर कर दिया, फिर कोटक महिन्द्रा बैंक के खाते से एचडीएफसी बैंक के खाते में 59,000 रुपए, दादा रणजीत नर्मदा के एसबीआई खाते के माध्यम से एचडीएफसी बैंक के खाते में 70,000 रुपए, इसके अपनी पत्नी जेमा नर्मदा के बंधन बैंक के खाते से बैंक ऑफ महाराष्ट्र के खाते में 38,576 रुपए ट्रांसफर कर दिया और दिया गया टास्क भी कंप्लीट हो गया। उसके बाद उसके यूआईडी में 20,71,961 रुपए दिखा रहा था। जिसे उसने एक साथ विड्रॉल करने का प्रयास किया तो उनके फायनेस कंसल्टेंट के द्वारा सिस्टम जनरेटेड एक स्कीन शॉट भेजा गया जिसमें 3,00,000 रुपए से अधिक की राशि विड्रॉल प्रोसेस में लगाया गया इसलिए कुल विड्रॉल राशि का 50 प्रतिशत फंड आउट फीस भुगतान करना लिखा हुआ था और यह राशि रिफंडेबल है कहा गया।
इस पर फिर प्रार्थी ने विड्रॉल के लिए दूसरे दिन 16 अप्रैल को अपने आईडीबीआई बैंक के खाते से इंडसइंड बैंक खाते में आरटीजीएस के माध्यम से 10,01,981 रुपए ट्रांसफर करने के बाद फिर से विड्रॉल लगाया, जिसमें उनके द्वारा निर्मित प्लेटफार्म लिंक में सिबील स्कोर 100 के स्थान पर 97 होने पर विड्रॉल अस्वीकार कर एक पीडीएफ लेटर उसके टेलीग्राम मोबाईल नंबर उनके फायनेंस कंसल्टेंट के द्वारा जारी कर भेजा गया। इस प्रकार अधिक लाभ का लालच देकर मेरे साथ कुल 19,47,852 रुपए विभिन्न खाता धारकों के द्वारा ठगी कर लिया गया है। मामले में बसना थाने में आरोपी मोबाइल धारकों के खिलाफ धारा 318 (4) बीएनएस के तहत अपराध दर्ज कर विवेचना में लिया गया है।
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