महासमुंद. ब्राउन शुगर का अवैध परिवहन व पिस्टल रखने के मामले में आरोपी को दस साल का सश्रम कारावास और अर्थदंड की सजा सुनाई गई है।
विशेष न्यायाधीश (एनडीपीएस) महासमुन्द न्यायाधीश संघपुष्पा भतपहरी द्वारा ब्राउन शुगर का अवैध से परिवहन करने व लोहे का 7.65 मिमी पिस्टल रखने के मामले में आरोपी शंकर लाल वैष्णव पिता जोधाराम वैष्णव (30 वर्ष) निवासी का श्रीराम नगर तेलीबाधा रायपुर को, धारा 22 (सी) स्वापक औषधि तथा मनः प्रभावी पदार्थ अधिनियम के अपराध एवं धारा 25 आयुध अधिनियम के अपराध में दोषी पाते हुए 10 वर्ष के सश्रम कारावास व 1 लाख रुपए जुर्माना व जुर्माना 1.00 लाख नहीं पटाए जाने पर 1 वर्ष की अतिरिक्त कारावास की सजा तथा 25 आयुध अधिनियम के अपराध में 7 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा व 10,000 रुपए अर्थदंड तथा 10 हजार जुर्माना नहीं पटाने पर 1 वर्ष का अतिरिक्त सश्रम कारावास की सजा से दंडित किया गया।
अभियोजन अधिकारी विशेष लोक अभियोजक जितेन्द्र कुमार साहू ने शासन की ओर से पैरवी किया और बताया कि 12.08.2020 को थाना महासमुन्द के उपनिरीक्षक योगेश कुमार सोनी को मुखबिर से सूचना मिली कि एक व्यक्ति नीले रंग के बिना नंबर की सोल्ड मोपेड गाड़ी में अवैध रूप से मादक पदार्थ ब्राउनशुगर व पिस्टल बिक्री हेतु साथ रखकर नदी मोड़ घोड़ारी से महासमुन्द की ओर जा रहा है, तब स्टाफ के साथ मौकास्थल खरोरा तालाब के आगे घेराबंदी कर आरोपी शंकर लाल वैष्णव को कुल 730 ग्राम ब्राउन शुगर व एक पिस्टल के साथ गिरफ्तार कर महासमुन्द के विशेष न्यायालय में अभियोग पत्र प्रस्तुत किया गया था, जिसमें विचारण उपरान्त आज आरोपी को सजा सुनाई गई।
अभियोजन की ओर से विशेष लोक अभियोजक (एनडीपीएस) जितेन्द्र साहू ने पैरवी की। पीठासीन अधिकारी द्वारा अपने आदेश में यह भी उल्लेख किया कि समाज में खासकर युवा वर्ग तथा उस बालकों की मनःस्थिति को नशे के गिरफ्त में लिया जा रहा है जिसे यह भी ज्ञान नहीं है कि इसका उसके जीवन पर क्या प्रभाव पड़ेगा। अतः नशे के इन कारोबारियों पर उदार दृष्टिकोण अपनाया जाना न्यायोचित प्रतीत नहीं होता।
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