Saturday, December 21, 2024
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प्रीमियम शराब दुकान में करीब 37 लाख का गबन, चार लोगों के खिलाफ जुर्म दर्ज, जानें किस तरह चल रहा था खेल

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महासमुंद. नगर के प्रीमियम शराब दुकान में आबकारी विभाग द्वारा जांच के दौरान पाई गई गड़बड़ी के मामले में 4 लोगों के खिलाफ गबन का मामला सिटी कोतवाली में दर्ज किया गया है।

पुलिस ने बताया कि सहायक जिला आबकारी अधिकारी वृत्त महासमुंद दीपक कुमार ठाकुर पिता शिवाजी ठाकुर ने एफआईआर दर्ज कराई है कि 17 एवं 19 दिसंबर को प्रीमियम विदेशी मदिरा दुकान महासमुंद निरीक्ष्ण किया गया प्रीमियम विेदेशी मदिरा दुकान के निरीक्षण पर स्कंध के अनुसार कुल राशि 36,90,790 रुपए की शराब भौतिक निरीक्षण पर नहीं होना पाया गया।

जांच में पाया गया कि प्लेसमेंट एजेंसी ईगल हंटर सोल्यूशन लिमिटेड के कर्मचारी मुख्य विक्रयकर्ता अमित राय, विक्रयकर्ता गौरी शंकर सेन, विक्रयकर्ता तुकेश दीवान एवं मल्टीपर्पस वर्कर लक्ष्मीनारायण साहू के द्वारा विक्रय हेतु प्रदत्त शराब को एक राय होकर धोखाधडी पूर्वक अवैध लाभ अर्जन करने की नीयत से विक्रय की कुल राशि 36,90,790 रुपए का गबन कर लिया गया है।

यह है मामला

सहायक आबकारी अधिकारी आबकारी ने 17.12.2024 को प्रीमियम विदेशी मदिरा दुकान महासमुंद का निरीक्षण किया गया। वक्त निरीक्षण विक्रयकर्ता गौरी शंकर सेन, टुकेश दीवान एवं मल्टीपर्पस वर्कर लक्ष्मीनारायण साहू मदिरा दुकान में उपस्थित पाए गए।

बैगपाईपर व्हिस्की की स्कंध की दुकान में जांच करने पर विक्रयकर्ताओं के द्वारा गोलमोल जवाब दिया गया। जवाब संतोषप्रद न लगने पर सभी पेटियों को संग्रहित समस्त बोतलों को नगवार भौतिक सत्यापन करने/ जांच करने पर दैनिक मदिरा स्कंध पंजी में 373 नग व मदिरा दुकान में 136 नग बोतल का उपलब्ध होना पाया व 273 नग का अंतर परिलक्षित होना पाया। उक्त आधार पर मदिरा दुकान का भौतिक सत्यापन किया गया।

भौतिक सत्यापन पश्चात दुकान में उपलब्ध मदिरा स्कंध व पंजी अनुसार भिन्नता पाई गई। प्रत्येक पेटियों की सूक्ष्मता से जांच करने पर पेटियों को सीलबंद अवस्था में पाया गया, जिसके सीलटेप को फाड़कर नगवार मिलानकर दुकान में संग्रहित पेटियों में 12 नग के स्थान पर 05 नग, 04 नग, 03 नग रखा होना पाया। प्रत्येक ब्राण्ड/लेबल की पेटियों की सूक्ष्मता से जांच करने पर मैकडावेल नं. 01, रेड लेबल, टीर्चस 50, ब्लैक डाग, 100 पाईपर, सिंगनेचर रेयर, रायल चैलेन्ज, बैग्पाईपर, आफ्टर डार्क, ओकस्मिथ, रायल ग्रीन, रायल स्टैग, द वोल्फस्टोन ब्रांड में अत्यधिक कमी पाई गई। स्कंध पंजी अनुसार अन्य ब्राण्ड के मदिरा के स्कंध में भी कमी पाई गई। दुकान में संधारित दैनिक मदिरा हिसाब पंजी में मदिरा के प्रारंभिक स्कंध में भी अंतर पाया गया।

परमिट अनुसार मदिरा का स्कंध मिलान पर व दैनिक मदिरा विक्रय की राशि व भौतिक सत्यापन में प्राप्त मदिरा स्कंध में आई कमी व दैनिक मदिरा विक्रय राशि में आई अचानक बढोत्तरी स्टाक मिलान पर दैनिक मदिरा हिसाब पंजी अनुसार विक्रय राशि दिनांक 17.12.2024 की राशि 3902140 रू. (उन्नतालीस लाख दो हजार एक सौ चालीस) होना पाया गया। जबकि दुकान की वास्तविक बिक्री 211350 रू. (दो लाख ग्यारह हजार तीन सौ पचास रूपये) होना पाया। जिसमें नगद विक्रय राशि 108850रू. व पी.ओ.एस. मशीन से प्राप्त विक्रय राशि 102500 रू. होना पाया।

दुकान में उपलब्ध मदिरा का भौतिक सत्यापन करने पर व विक्रय की राशि का मिलान व परमिट का मिलान, ट्रांसफर परमिट का मिलान, परिवहन टूट-फूट का मिलान करने पर दुकान में 3690790 रू. (छत्तीस लाख नब्बे हजार सात सौ नब्बे रू.) का अंतर परिलक्षित होना पाया। उक्त राशि गबन के संबंध में दुकान में उपस्थित कर्मचारियों विक्रयकर्ता गौरी शंकर सेन, विक्रयकर्ता तुकेश दीवान एवं  मल्टीपर्पस वर्कर लक्ष्मीनारायण साहू से पूछताछ करने पर बताया गया कि सभी कर्मचारी उक्त कृत्य में संलिप्त रहे हैं व विक्रय राशि जो कि दुकान से अधिक होता था। उसमें से कुछ हिस्सा रखकर, शेष राशि को दुकान की विक्रय राशि बनाकर बैंक में जमा किया जा रहा था। यह कार्य मदिरा दुकान में उपस्थित कर्मचारियों द्वारा लंबे समय से मुख्य विक्रयकर्ता अमित राय के निर्देश पर किया जाना बताया गया। जिसे समस्त कर्मचारियों विक्रयकर्ता गौरी शंकर सेन, विक्रयकर्ता तुकेश दीवान एवं मल्टीपर्पस वर्कर लक्ष्मीनारायण साहू द्वारा स्वीकार किया गया।

मदिरा दुकान में उपलब्ध/संग्रहित मदिरा की बोतलों को बिना स्कैन किये विक्रय किया जा रहा था एवं विक्रय निरंतर कम दिखाने के कारण लंबे समय से यह कार्य दुकान में चल रहा था एवं राशि गबन की स्थिति निर्मित हुई है। उक्त भौतिक सत्यापन निरीक्षण पूर्व दिनांक 05.12.2024 को आडिट की टीम द्वारा आडिट किया गया परंतु किसी भी प्रकार की कोई अनियमितता नहीं दिखाई गई। आडिटर के प्रतिनिधि द्वारा सभी पेटियों को खोलकर जांच नहीं किया गया है। माह अक्टूबर तक की जे.आर.आर. रिपोर्ट में किसी भी प्रकार की कैश शार्टेज या अनियमितता को दर्शाया अथवा उल्लेख नहीं किया गया है। मैनपावर एजेंसी ईगल हण्टर सोल्यूशन लिमिटेड के प्रतिनिधि द्वारा भी मदिरा दुकान विस्तृत जांच नहीं की जा रही है/किया गया है एवं प्लेसमेंट के 04 कर्मचारियों मुख्य विक्रयकर्ता अमित राय, विक्रयकर्ता गौरी शंकर सेन, विक्रयकर्ता तुकेश दीवान एवं मल्टीपर्पस वर्कर लक्ष्मीनारायण साहू  द्वारा मदिरा दुकान में इतनी बड़ी राशि की गबन कर शासकीय राजस्व को नुकसान पहुंचाया गया है। निरीक्षण के दौरान मुख्यविक्रयकर्ता अमित राय अनुपस्थित पाया गया व संपर्क करने पर अपना मोबाईल बंद होना पाया। मुख्य विक्रयकर्ता लंबे समय से अनुपस्थित है व उसका मोबाईल नम्बर बंद होना पाया गया।

इसके बाद 19.12.2024 को प्रीमियम विदेशी मदिरा दुकान महासमुंद की पुनः जांच प्रारंभ की गई। मदिरा दुकानों की कर्मचारियों यथा विक्रकयकर्ता गौरीशंकर सेन, तुकेश दीवान व बहुउद्देशीय कार्यकर्ता लक्ष्मीनारायण साहू से बार-बार पूछताछ किये जाने पर कि आडिट के समय कोई अनियमितता क्यों नहीं पायी गयी, तब पूछताछ में कर्मचारियों द्वरा बताया गया कि दिनांक 05.12.2024 को नियमित रूप से प्रतिमाह किये जाने वाले आडिट हेतु आडिटर के प्रतिनिधि फागेश्वर सिन्हा के द्वारा आडिट किया गया। आडिट के दौरान हमारे द्वारा अपने-अपने मोबाईल में संग्रहित मदिरा की बोतलों के होलोग्राम की फोटो स्कैन कर दी जाती थी, जिससे आडिट रिपोर्ट में अंतर दिखलाई नहीं पड़ता था।

इसके बाद सेल्समैन गौरी शंकर, टुकेश दीवान व एम.पी.डब्ल्यू. लक्ष्मीनारायण साहू के मोबाईल फोन की जांच करने पर पाया गया कि उनके मोबाईल फोन में अत्यधिक मात्रा में विभिन्न ब्राण्ड/लेबल की मदिरा बोतलों पर लगे होलोग्राम की फोटो सेव की गई है। इन होलोग्राम के फोटो को आडिट के दौरान स्कैन करवा दिया जाता था, जिससे आडिट रिपोर्ट में मदिरा की मात्रा का अंतर दिखलाई नहीं पड़ता था तथा मदिरा की पेटियों को इस प्रकार रखा जाता था कि ऊपर की पेटियों में पूरी मदिरा रहती थी किन्तु नीचे की पेटियों में 12 बोतलों के स्थान पर 03 या 04 नग बोतल ही रखा रहता था। जिससे प्रथम दृष्यता मदिरा की पेटियों को गिनने पर मदिरा स्कंध पंजी अनुसार प्रतीत होना था। इस प्रकार जांच पाया गया कि दुकान के सुपरवाईजर अमित राय, विक्रयकर्ता गौरी शंकर सेन, तुकेश दीवान तथा बहुउद्देशीय कार्यकर्ता लक्ष्मीनारायण साहू द्वारा बिना स्कैन किये मदिरा को बेचकर उसकी राशि को आपस में बांट लिया जाना था तथा विक्रय पंजी अपने हिसाब से भरकर एक निश्चित राशि बैंक में जमा कर दी जाती थी। जांच में पाया गया कि मुख्य विक्रयकर्ता अमित राय, विक्रयकर्ता गौराशंकर सेन, तुकेश दीवान व मल्टीवर्कर लक्ष्मीनारायण साहू द्वारा राशि 3690790रू. (शब्दों में छत्तीस लाख नब्बे हजार सात सौ नब्बे रूपए) का गबन किया गया। मामले में सिटी कोतवाली पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धारा 3(5), 316, 318(3, 318(4)-BNS के तहत अपराध दर्ज कर विवेचना शुरूकर दी है।

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