Dhanteras 2024: दिवाली उत्सव की शुरूआत धनतेरस पर्व के साथ होती है। इसे हिंदुओं के सबसे शुभ त्योहारों में से एक माना जाता है।धन त्रयोदशी के शुभ दिन पर लोग घरों में रोशनी करते हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार, साल 2024 में धनतेरस कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि यानी 29 अक्टूबर को मनाया जाएगा। ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान धन्वन्तरि की पूजा करने से सुख-समृद्धि प्राप्त होती है।
धनतेरस पर बिल्कुल न खरीदें ये सामान (Dhanteras 2024)
धनतेरस (Dhanteras 2024) के शुभ अवसर पर नोंक व धार वाली चीजें जैसे – चाकू, कैंची, कांच, चीनी मिट्टी, प्लास्टिक, लोहा, स्टील, एल्युमिनियम आदि वस्तुएं बिल्कुल भी नहीं खरीदनी चाहिए, क्योंकि यह दुर्भाग्य का सूचक है। इसके अलावा इस दिन काला कंबल, काले व नीले वस्त्र और तेल आदि का खरीदने को भी अशुभ माना जाता है। वहीं, इस दिन जूते व चमड़े से बनी चीजें भी नहीं खरीदनी चाहिए, क्योंकि जूते शनि का प्रतिनिधित्व करते हैं। इसलिए शनि से संबंधित कोई भी वस्तु खरीदना शुभ नहीं माना जाता है। वहीं इस दिन खाली मिट्टी का घड़ा भी घर नहीं लाना चाहिए।
ऐसा माना जाता है कि धनतेरस के दिन खाली मिट्टी का बर्तन या सुराही लाने से घर की बरकत चली जाती है। ऐसे में इसको पहले चावल, गेहूं जैसे किसी भी अनाज से भर लें, फिर इसे अपने घर लेकर जाएं।
धनतेरस का मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 29 अक्टूबर 2024 को सुबह 10 बजकर 31 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इस तिथि का समापन 30 अक्टूबर 2024 को दोपहर 01 बजकर 15 मिनट पर होगा। उदया तिथि को देखते हुए 29 अक्टूबर को धनतेरस (Dhanteras 2024) मनाया जाएगा। वहीं, इस दिन की पूजा का शुभ मुहूर्त संध्याकाल 06 बजकर 31 मिनट से लेकर 08 बजकर 13 मिनट तक है।
पूजा के दौरान इन मंत्रों का जाप करें
- ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय नमः॥
- ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं श्रीं कुबेराय अष्ट-लक्ष्मी मम गृहे धनं पुरय पुरय नमः॥
- ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये, धनधान्यसमृद्धिं मे देहि दापय स्वाहा॥
- श्री धनवंतरी स्वरूप श्री श्री श्री औषधचक्र नारायणाय नमः॥
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