भविष्यवाणी 2025: साल 2025 ग्रहों के राशि परिवर्तन के चलते खास रहने वाला है। वार्षिक कुंडली के के अनुसार, इस साल यानी 2025 में ग्रहों के राजा मंगल होंगे, इसके बाद अप्रैल 2025 में सूर्य राजा हो जाएंगे। वहीं इस वर्ष मार्च में शनि ग्रह का राशि परिवर्तन हो रहा है।
इधर इसी साल गुरु राशि परिवर्तन करते हुए मिथुन राशि में जाएंगे और अतिचारी होने की वजह से कर्क राशि में भी इसी साल प्रवेश करेंगे। दूसरी ओर इस साल राहु-केतु की स्थिति में भी परिवर्तन होगा। केतु का सिंह राशि में और राहु मीन राशि से निकलकर कुंभ राशि में गोचर करेंगे। प्रमुख ग्रहों के बड़े बदलावों के चलते साल 2025 में कई बड़ी घटनाओं को लेकर चर्चा में रह सकता है।
शनि का राशि परिवर्तन
29 मार्च 2025 को शनि का मीन राशि में गोचर शुरू होगा। 29 मार्च 2025 को जब शनि ग्रह कुंभ से निकलकर मीन राशि में प्रवेश करेंगे तब दुनिया में उथल पुथल मच सकती है। रूस-यूक्रेन, इजरायल-हमास के बाद बदलती दुनिया में अब नए मोर्चों पर युद्ध शुरू हो सकते हैं। मीन राशि में राहु और शनि की युति के प्रभाव के कारण अकाल, युद्ध, विस्फोट, महामारी के साथ ही मार्च से मई के मध्य में कोई प्राकृतिक आपदा आने की संभावना है जिसके चलते बड़ी आबादी प्रभावित हो सकती है, जिसमें जन और धन हानि होने की आशंका है।
इस साल दो सूर्य ग्रहण
पंचांग के अनुसार 29 मार्च 2025 को साल का पहला सूर्य ग्रहण लगेगा। यह ग्रहण यूरोप, एशिया के उत्तरी इलाकों, अफ्रीका के उत्तरी व पश्चिमी इलाकों समेत नॉर्थ अमेरिका, साउथ अमेरिका के उत्तरी हिस्सों, अटलांटिक व आर्कटिक क्षेत्रों में दर्शित होगा। यह पूर्ण ग्रहण दोपहर 14.21 बजे से शाम 18.14 बजे तक रहेगा। हालांकि यह ग्रहण भारत में दृष्टिगोचर नहीं होगा, इसलिए इसका कोई धार्मिक प्रभाव नहीं माना जाएगा और सूतक काल भी मान्य नहीं होगा।
इसके बाद 21 सितंबर 2025 को इस साल का दूसरा सूर्य ग्रहण लगेगा। यह ग्रहण आश्विन मास की कृष्ण पक्ष अमावस्या को रात 22.59 बजे से शुरू होकर 22 सितंबर की सुबह 03.23 बजे तक प्रभावी रहेगा। यह सूर्य ग्रहण भी भारत में नहीं दिखा। इसके चलते यहां इसका धार्मिक प्रभाव भी नहीं होगा और न ही सूतक काल मान्य होगा।
इस साल दो चंद्र ग्रहण
साल 2025 का पहला चंद्र ग्रहण 14 मार्च को फाल्गुन मास की शुक्ल पूर्णिमा के दिन लगेगा। चंद्र ग्रहण भारतीय समयानुसार सुबह 10.41 बजे से दोपहर 14.18 बजे तक रहेगा। भारत में दिखाई नहीं देने के चलते इस ग्रहण का धार्मिक दृष्टि से भारत में कोई महत्व नहीं रहेगा।
वहीं दूसरा चंद्र ग्रहण इस साल 7 सितंबर 2025 को भाद्रपद मास की शुक्ल पूर्णिमा के दिन लगेगा। यह रात 21.57 बजे शुरू होकर 1.26 बजे तक प्रभावशील रहेगा और यह भारत समेत संपूर्ण एशिया, ऑस्ट्रेलिया, यूरोप, न्यूजीलैंड, पश्चिमी और उत्तरी अमेरिका, अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका के पूर्वी क्षेत्रों में दिखाई देगा। यह चंद्र ग्रहण भारत में भी दिखेगा, इसके चलते इसका सूतक काल मान्य होगा और धार्मिक दृष्टि से महत्व होगा।