Chanakya Niti: चाणक्य को भारत के महान गुरुओं में से एक माना जाता है। उन्होंने अपने अपमान का बदला लेने के लिए राजा को गद्दी से उतार कर चंद्रगुप्त को राजा बना दिया, जो चाणक्य के मार्गदर्शन में भारत के महान राजा कहलाए। चाणक्य नीति या फिर नीति शास्त्र में लिखी गई कई बातें व्यक्ति के जीवन में उतारने व्यक्ति आदर्श जीवन जी सकता है।
चाणक्य ने बताया है कि कई व्यक्ति कुछ गलतियों के वजह से जीवन पर्यंत गरीब ही रह जाते हैं। पहला कारण है उनके कर्म, दूसरा है गलत जगह पर रहना। चाणक्य ने कहा कि गरीब रह जाने के पीछे ऐसी जगहों का भी बड़ा हाथ होता है, जिसे लेकर चाणक्य नीति में उन्होंने एक पंक्ति कही है जो इस प्रकार है-
धनिकः श्रोत्रियो राजा नदी वैद्यस्तु पञ्चमः। पञ्च यत्र न विद्यन्ते न तत्र दिवसे वसेत॥
आचार्य चाणक्य ने नीति शास्त्र के प्रथम अध्याय के 9वें श्लोक में कहते हैं कि पांच जगहों पर रहने वाले लोग अपने जीवन में हमेशा गरीब और दुखी ही रहते हैं। ये लोग चाहकर भी तरक्की नहीं पा सकते। ये लंपट-मूर्ख समान जीवन जीते हैं। इन्हें न शास्त्र का ज्ञान रहता है और न ही ये सीखने का प्रयास तक करते हैं।
जानिए किन-किन 5 जगहों पर नहीं रहना चाहिए?
- आचार्य चाणक्य के अनुसार, जिस स्थान पर वेदों को जानने वाला कोई ब्राह्मण नहीं रहता। ऐसे जगह पर रहने वाले लोग हमेशा गरीब ही रहते हैं। इस जगह तुरंत छोड़ देना चाहिए। आचार्य चाणक्य का मानना था कि ब्राह्मण धार्मिक कार्य के जरिए धर्म की रक्षा करते हैं।
- धनिक यानी व्यवसायी- वहीं, जिस स्थान पर व्यवसायी लोग नहीं रहते हैं। उस जगह के लोग भी निर्धन बनकर ही रह जाते हैं। यह स्थान भी छोड़ देना चाहिए।
- साथ ही जहां राजा नहीं रहते हैं वहां, शासन व्यवस्था नहीं रहती है। ऐसे में अराजकता फैल जाती है। इसलिए कोई विकास नहीं कर सकता है। अगर कर भी लेता है, तो धन हानि हो जाती है।
- जिस जगह पर नदी नहीं है। उस स्थान पर रहना ठीक नहीं है। नदी के बिना जीवन बहुत कठिन है। जल जीवन और फसल दोनों के लिए जरूरी है।
- जिस जगह वैद्य यानी चिकित्सक नहीं है। उस जगह पर रहना सही नहीं है क्योंकि रोग के इलाज लिए इनका होना अनिवार्य है। ऐसी जगह भी नहीं रहना चाहिए।