Shani Vakri 2025: ज्योतिष शास्त्र में शनि को न्यायाधीश का दर्जा प्राप्त है। शनि की चाल धीमी होती है। जब भी शनि की चाल परिवर्तित होती है तो उसका सभी राशियों पर प्रभाव पड़ता है। शनि को एक राशि से दूसरी राशि में जाने में करीब ढाई साल लगते हैं। वर्तमान में शनि अपनी स्वराशि कुंभ में वक्री गति यानी उलटी चाल से विराजमान हैं और वे 15 नवंबर 2024 को मार्गी होंगे। इसके बाद शनि अगले साल 2025 के मार्च महीने में राशि परिवर्तन करने के बाद वक्री स्थिति में होंगे।
आइए यहां जानते हैं साल 2025 में शनि के वक्री (Shani Vakri) होने का मेष से मीन तक सभी राशियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा।
साल 2025 में वक्री होंगे शनि– ज्योतिष गणना के अनुसार शनि 29 मार्च 2025 को गुरु की राशि मीन में प्रवेश करेंगे। तत्पश्चात 13 जुलाई 2025, रविवार को सुबह 09.36 बजे पर शनि मीन राशि में वक्री होंगे और 28 नवंबर 2025 को सुबह 09.20 बजे मार्गी होंगे। इस तरह शनि के वक्री स्थिति में होने की कुल मियाद 138 दिनों की है।
ज्योतिष के अनुसार शनि मार्च 2025 में अपनी कुंभ राशि से निकलकर गुरु की राशि मीन में प्रवेश करेंगे और शनि मीन गोचर के बाद अपनी चाल में बदलाव करेंगे। ऐसे में उस समय शनि मीन राशि के रहेंगे। वहीं वक्री अवस्था में शनि मेष राशि पर सकारात्मक प्रभाव डालेंगे। मेष राशि के जातकों लिए शनि का वक्री होना खराब नहीं रहेगा। इसी तरह की स्थिति वृषभ व मिथुन, मीन राशि वालों की भी रहेगी।
वहीं सिंह और धनु राशि पर शनि का नकारात्मक प्रभाव कम होगा। दूसरी ओर कर्क और वृश्चिक राशि वालों को शनि के अशुभ फलों की प्राप्ति हो सकती है।
मकर व कुंभ राशि राशि वालों को सेहत संबंधी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। वहीं कन्या व तुला राशि वाले शनि की वक्री अवस्था में तनावग्रस्त हो सकते हैं। सिंह राशि वालों को घरेलू जीवन से जुड़ी दिक्कतें हो सकती हैं और जॉब को लेकर उतार-चढ़ाव आ सकते हैं।
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