महासमुंद जिले के 84 ग्राम फ्लोरोसिस प्रभावित, कलेक्टर ने दिए जनजागरूकता अभियान चलाने के निर्देश

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महासमुंद. कलेक्टर विनय कुमार लंगेह की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में जिले में फ्लोरोसिस की बढ़ती समस्या पर काबू पाने के लिए विगत दिवस जिला स्तरीय स्वास्थ्य समिति की बैठक आयोजित की गई। कलेक्टर ने जिले के विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों में फ्लोरोसिस से प्रभावित मरीजों की जांच और उपचार के साथ-साथ जन जागरूकता अभियानों पर जानकारी ली। उन्होंने  जिले के सभी प्रभावित क्षेत्रों में फ्लोरोसिस की जांच और उपचार के लिए ठोस कदम उठाए जाने के निर्देश दिए।

कलेक्टर ने जिला चिकित्सालय, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, और अन्य स्वास्थ्य इकाइयों में मरीजों की नियमित जांच और उपचार सुनिश्चित करने के लिए निर्देश दिए। इसके अलावा, स्कूली बच्चों के लिए फ्लोरोसिस जांच और डाईट काउंसलिंग पर विशेष ध्यान देने को कहा।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बैठक में बताया कि जिले में 84 ग्राम फ्लोरोसिस से प्रभावित हैं, जिनमें सर्वाधिक बागबाहरा के 45 ग्राम और महासमुंद विकासखण्ड के 28 ग्राम शामिल हैं। उन्होंने बताया कि यह समस्या मुख्य रूप से पीने के पानी में फ्लोराइड की अत्यधिक मात्रा के कारण हो रही है, जो दंत और स्केलेटल फ्लोरोसिस जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन रही है।

उन्होंने  बताया कि दंत फ्लोरोसिस के तहत दांत चॉक के जैसे सफेद हो जाते हैं या उन पर सफेद, पीले, भूरे या काले रंग के धब्बे सहित उपरी परत पर धारियां भी पड़ सकती हैं। स्केलेटल फ्लोरोसिस के तहत शरीर के प्रमुख जोड़ों जैसे गर्दन, रीढ़ की हड्डी, कंधे, कूल्हे और घुटनों के जोड़ों को प्रभावित करता है। मुड़ाव, तेज दर्ज या जकड़न जैसी पीड़ा सहित गंभीर विकलांगता की वजह भी बन सकता है। नॉन-स्केलेटल फ्लोरोसिस के तहत गैस्ट्रो-इंटेस्टाइनल शिकायतों के रूप में आरंभिक लक्षणों के तौर पर सामने आता है। अन्य रोगों को छुपा देता है, जिससे गलत इलाज की संभावना बढ़ जाती है।

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कलेक्टर ने लोगों से लक्षण पहचान कर बिना देर किये चिकित्सक से परामर्श व उपचार लेने कहा है। समय-समय पर मूत्र में फ्लोराइड की जांच कराएं, चिकित्सक परामर्श से सलाह लेने की बात कही। उन्होंने प्रभावित मरीज़ों से साग-भाजी व प्रोटीन-विटामिन युक्त आहार ही खाने, गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलायें पोषक आहार की मात्रा बढ़ायें, खाद्य तेल और मांसाहार, घी या मक्खन इत्यादि का उपयोग कम करने को कहा।

कलेक्टर ने स्वास्थ्य विभाग को फ्लोरोसिस के प्रति जागरूकता लाने के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार अभियान चलाया चलाने के साथ ही जिसमें बुकलेट, पाम्पलेट और पोस्टर के माध्यम से जानकारी देने के निर्देश दिए। बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. पी. कुदेशिया एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी एवं चिकित्सकगण मौजूद थे।

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