शराब पीकर स्कूल आने पर सहायक शिक्षक निलंबित

महासमुंद. विकासखंड शिक्षा अधिकारी महासमुंद से प्राप्त पत्र के अनुसार सुरेंद्र कुमार भाठिया, सहायक शिक्षक (एलबी), शासकीय प्राथमिक शाला रामाडबरी, विकासखंड महासमुंद को जिला...
HomeChhattisgarhछत्तीसगढ़ के 12 पारंपरिक व्यंजन | 12 Traditional Dishes of Chhattisgarh

छत्तीसगढ़ के 12 पारंपरिक व्यंजन | 12 Traditional Dishes of Chhattisgarh

WhatsApp Group Join Now

छत्तीसगढ़ के 12 पारंपरिक व्यंजन | 12 Traditional Dishes of Chhattisgarh: छत्तीसगढ़, जिसे भारत का “धान का कटोरा” कहा जाता है, अपने समृद्ध सांस्कृतिक और पारंपरिक व्यंजनों के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ के खानपान में स्थानीय उपज और परंपरागत तरीके से बनाए गए व्यंजन शामिल होते हैं। इस लेख में हम छत्तीसगढ़ के 12 प्रमुख पारंपरिक व्यंजनों का विस्तृत वर्णन करेंगे।

1. चीला

चीला एक पारंपरिक छत्तीसगढ़ी व्यंजन है, जिसे चावल के आटे और दाल से तैयार किया जाता है। इसे विशेष रूप से नाश्ते या हल्के भोजन के रूप में खाया जाता है। यह स्वाद में कुरकुरा और पौष्टिक होता है। इसे दही या टमाटर की चटनी के साथ परोसा जाता है।

2. फरा

फरा चावल के आटे से बनी हुई डिश है, जिसे उबालकर या भाप में पकाया जाता है। यह काफी हल्का और सुपाच्य होता है। इसे हरी चटनी के साथ खाया जाता है और यह सेहत के लिए भी फायदेमंद होता है।

3. खुरमी

खुरमी छत्तीसगढ़ की एक प्रसिद्ध मिठाई है, जिसे गेहूं के आटे और गुड़ से बनाया जाता है। इसे पारंपरिक त्योहारों और खास मौकों पर बनाया जाता है। यह कुरकुरी और मीठे स्वाद वाली होती है।

4. ठेठरी

ठेठरी एक कुरकुरी और हल्की नमकीन डिश है, जिसे चावल के आटे से बनाया जाता है। यह विशेष रूप से दीपावली और अन्य त्योहारों पर बनाई जाती है। यह लंबे समय तक ताजी बनी रहती है और चाय के साथ इसका आनंद लिया जाता है।

5. अइरसा

अइरसा छत्तीसगढ़ का पारंपरिक मीठा व्यंजन है, जिसे चावल के आटे और गुड़ से तैयार किया जाता है। इसे विशेष रूप से त्योहारों पर बनाया जाता है। यह बाहर से कुरकुरा और अंदर से नरम होता है।

6. बोरे बासी

बोरे बासी छत्तीसगढ़ का एक अनोखा व्यंजन है, जिसे पके हुए चावल को रातभर पानी में भिगोकर तैयार किया जाता है। इसे आमतौर पर गर्मियों में खाया जाता है क्योंकि यह शरीर को ठंडा रखता है। इसे प्याज, अचार और हरी मिर्च के साथ खाया जाता है।

7. चेंच भाजी

छत्तीसगढ़ में चेंच भाजी बेहद ही लोकप्रिय है। इसे गर्मियों में बोरे बासी के साथ खाया जाता है। इसे अधिक लजीज बनाने के लिए बड़ी भी डाली जाती है।

8. अंगाकर रोटी

अंगाकर रोटी छत्तीसगढ़ के ग्रामीण इलाकों में बहुत पसंद की जाती है। इसे चावल के आटे से बनाया जाता है और इसे घी के साथ परोसा जाता है। यह पौष्टिक और स्वाद में लाजवाब होता है।

9. बफौरी

बफौरी एक हेल्दी स्नैक है, जिसे चने की दाल से बनाया जाता है। इसे भाप में पकाया जाता है, और बेहद कम तेलमे जिससे यह स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है। इसे धनिया और हरी मिर्च की चटनी के साथ खाया जाता है।

10. पताल चटनी

टमाटर को छत्तीसगढ़ी भाषा में पताल कहा जाता है। इसमें हरी मिर्च, लहसुन, नमक मिलकर चटनी बनाया जाता है। जिसे चिला, फरा, बासी के अलावा भोजन करने के दौरान खाया जाता है।

11. इड़हर कढ़ी

छत्तीसगढ़ के लोग इड़हर कढ़ी को बेहद पसंद करते हैं। अरबी या कोचई पत्ते में उड़द दाल के पेस्ट को लपेट कर इसे भाप में पकाया जाता है, फिर इसके पीस काटकर फ्राई किया जाता है। इसके बाद दही, बेसन की ग्रेवी बनाकर उसमें पकाया जाता है।

12. बोहार भाजी

बोहार भाजी छत्तीसगढ़ की टेस्टी डिश में शामिल है। बोहार भाजी गर्मियों के दिन में सीमित समय के लिए मार्केट में मिलता है। इसके दाम भी काफी ज्यादा होते हैं। इसे चना दाल और इमली मिलाकर पकाया जाता है। इसका स्वाद काफी लजीज होता है।

छत्तीसगढ़ के पारंपरिक व्यंजन न केवल स्वाद में लाजवाब होते हैं, बल्कि स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से भी लाभदायक होते हैं। इनमें से अधिकांश व्यंजन चावल और दाल आधारित होते हैं, जो स्थानीय कृषि की विशेषता को दर्शाते हैं। छत्तीसगढ़ की पाक परंपराएं भारतीय संस्कृति में महत्वपूर्ण स्थान रखती हैं और इन व्यंजनों को चखकर हम इस समृद्ध संस्कृति से और गहराई से जुड़ सकते हैं।

यह भी पढ़ें – छत्तीसगढ़ के दर्शनीय स्थल कौन कौन से हैं, 10+ Famous Places in Chhattisgarh